कर्नाटक का राजनैतिक भविष्य:

 कर्नाटक का राजनैतिक भविष्य:

सिद्धारमैया की शपथग्रहण कुंडली -

20/5/2023 12:40 बेंगलुरु




36 वर्षो में पहली बार कांग्रेस को कर्नाटक में इतनी बड़ी जीत मिली है. कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं बीजेपी को 65 सीटें मिली हैं. जेडीएस को 19 सीटें और निर्दलियों को 4 सीटें मिली । 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटों पर जीत मिली थी। 

      कर्नाटक में आधारभूत सेवाओं की कमी तथा  हाउस लोन से शिक्षित जनता काफी परेशान थी। कर्नाटक सरकार जीडीपी का एक बड़ा भाग लोन पे करने में यूज़ करती है।कोविड के बाद यह बढ़ गया।टेक्सेस से जो रेवेन्यू आता है उस रेवेन्यू का 15% कर्नाटक सरकार लोन कि किस्तो में लगाता है। आधारभूत सेवाओं पर सरकार कोई नहीं दे पा रही थी ।स्कुलिंग एज ग्रुप के बच्चे जिन्हें स्कुल जाना चाहिए वह भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है। हाइटेक सिटी होने के बावजूद यहां पर प्राथमिक शिक्षा का भविष्य अन्य पिछड़े राज्यों से भी कम है। इन्हीं स्थानीय मुद्दों पर कांग्रेस ने चुनाव लडा़ परिणाम आपके सामने है।

कर्नाटक चुनाव के नतीजे आते ही कांग्रेस में अंदरुनी मतभेद बाहर आए। सिद्धारमैया तथा डी. शिव कुमार के मध्य मुख्यमंत्री की दावेदारी अभी तो सुलझती नजर आ रही है। लेकिन क्या ये समझोता ढाई ढाई वर्ष के कार्यकाल को पूर्ण कर पाएंगे। इन्हीं सभी मतभेदों को हम शपथग्रहण कुंडली से जानने का प्रयास करते हैं।

20 मई 2023 दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बेंगलुरु में सिंह लग्न के उदय होने के समय सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

शपथ ग्रहण के समय शनि वार तथा रोहिणी नक्षत्र अमृत सिद्धि योग का निर्माण कर रहे हैं। लग्नेश सूर्य दशम भाव में दिक्बली है। लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि है। दशमेश एकादश भाव में पाप प्रभाव रहित है। नवांश में दशमेश उच्च के है।यह स्थिति निर्बाध रूप से कार्य शैली को इंगित करती है।

 पंचम भाव के अधिपति गुरु भाग्य के नवम भाव में धन और लाभ भावों के अधिपति बुध के साथ युति कर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार द्वारा बड़ा खर्च करने को भी इंगित करते हैं। यही इनके चुनाव मुद्दे भी रहे। जैसे हम पहले बता चुके हैं।

 चौथा भाव राज सिंहासन को दिखाता है इसका स्वामी द्वादश भाव में नीच का है।साथ ही चतुर्थ भाव पर द्वादशेष की दृष्टि भी है तो वहीं षष्ठेश शनि की भी दृष्टि है।यह योग एक ओर मुख्यमंत्री  की  अस्थिरता को दिखाता है तो दूसरी ओर जनता व  सरकार द्वारा गृह लोन के दबाव को भी दिखा रहा है। जनतांत्रिक गतिविधियों को भी हम चतुर्थ भाव से देखते हैं। चतुर्थेश की नीच की स्थिति चतुर्थ पर षष्ठेश की दृष्टि साथ ही नवम भाव में राहु की बृहस्पति की युति पर शनि की दृष्टि 

एक धार्मिक उन्माद जनतांत्रिक गतिविधियों में गिरावट को इंगित करती है

विरोधी दलों को हम सप्तम भाव से देखते हैं सप्तमेश षष्ठेश होकर सप्तम भाव में मंगल से दृष्ट। होकर प्रबल विपक्ष तथा उसके आक्रामक रवैए को दिखा रहा है।

ये सभी बातें इनकी राह आसन नहीं बनने देंगे।

आक्रामक विपक्ष के चलते सरकार को कठिनाई होने का स्पष्ट योग है ।कहीं न कहीं ये बातें  डी शिव कुमार को सत्ता प्राप्ति संकेत भी दे रही है।

जल्द ही शिव कुमार की कुंडली के विश्लेषण के पश्चात बताने का प्रयास करेंगे कि उनके सत्ता में आने के योग कब है।

Comments

  1. Nice prediction

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  2. Kamla to predict on political situations quite challenging & I am all novice . Appreciate your write up & regards.

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  3. Very nice analysis

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  4. Very nice analysis

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