गुरु चांडाल योग के प्रभाव
गुरु चांडाल योग:
बृहस्पति मेष राशि में प्रवेश 22 अप्रैल 2023 को कर रहे हैं।
मेष में पहले से ही राहु , सूर्य, बुध का गोचर है।
राहु 29/11/2023 तक मेष में रहेंगे उसके बाद राहु का गोचर मीन में रहेगा।
राहु अनैतिक कार्यो, मति भ्रम,सट्टा,लाटरी, साजिश, षड्यंत्र,धोखा आदि की प्रवृत्ति लिए होता है साथ ही अविष्कार, मिलावट,दो पदार्थ मिलाकर नए की रचना का अधिकार भी राहु के दायरे में आता है ।
बृहस्पति धर्म, संतान, संतोष, सुख, आनन्द, धन,संपदा,सत्य की पहचान, ज्ञान के कारक है ।
बृहस्पति राहु की युति के कारण गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया है कि गुरु चांडाल योग अशुभ योग है। परंतु इसका अशुभ प्रभाव तब होता है जब इस युति पर पाप ग्रह की दृष्टि हो। यहां पर शनि की दृष्टि है।
पिछली बार राहु मार्च 2016 में बृहस्पति के करीब से आए थे, हमने जेएनयू जैसे प्रमुख संस्थान में राष्ट्रीय विरोधी नारे देखें , राष्ट्र को क्रांतिकारी के रूप में ठगों से परिचित कराया गया था।
इस साल मेष राशि में अग्नि तत्व में यह युति है।
भारत:
भारत के संदर्भ में देखे तो यह भारत की कुंडली के द्वादश भाव में है। शनि का गोचर दशम भाव में तथा चंद्रमा से अष्टम भाव में है।इस समय भारत की दशा चंद्रमा/केतु की जो 5 जुलाई तक है। करोना जैसे संक्रामक रोगों को बढ़ाने का संकेत दे रही है।उसके बाद शुक्र की अंतर दशा मिलेगी।चंद्रमा तृतीय भाव में व केतु सप्तम भाव तथा शुक्र लग्नेश होकर तृतिय भाव में जो सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति, जनता में मानसिक तनाव, संक्रामक रोग आदि परेशानी के साथ राष्ट्रीय संसद के अंदर सबसे खराब तरह की राजनीति देखेंगे और विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय गतिविधियों में रुकावट भी देखेंगे ।बड़े पैमाने पर राष्ट्र विरोधी प्रदर्शन की उम्मीद है। पवित्र ग्रंथों पर टिप्पणियां यथासंभव होगी, कट्टरता बढ़ेगी, धार्मिक उन्माद भी बढ़ेगा।
चाइना:
चाइना की कुंडली मकर लग्न की है और लग्न में ही चंद्रमा स्थित है शनि का गोचर चंद्रमा के ऊपर था तब करोना जैसी बिमारी ने सबसे ज्यादा चाइना ही प्रभावित किया।अभी भी चाइना साढ़े साती के प्रभाव में रहेगा। राहु बृहस्पति की युति चतुर्थ भाव में शनि द्वारा दृष्ट रहेगी। यहां पुनः जनता की परेशानियां बढ़ेगी, जनता का अनैतिक कार्यो में रुझान बढ़ेगा, कहीं न कहीं मानसिक बिखराव के साथ प्राकृतिक आपदाओं का भी संकेत है,तो वहीं करोना जैसा संक्रामक रोग भी लोट सकता है।चीन की अर्थव्यवस्था की वजह से दुनिया की आर्थिक गतिविधियों को नुकसान होगा।
युएसए:
युएसए की कुंडली सिंह लग्न की है तथा दशा राहु/गुरु की रहेगी। गुरु राहु की युति नवम भाव में बन रही है । शनि का गोचर सप्तम भाव में चन्द्रमा के ऊपर है। युएसए की छवि में गिरावट कुछ ग़लत निर्णयों की वजह से आ सकती है। आर्थिक हानि या विदेशी व्यापार में गिरावट का भी संकेत है।
रशिया:
जैसा कि हम जानते हैं कि रुस का यूक्रेन के साथ युद्ध 23 फरवरी 2022 को शुरू हुआ। तब दशा- राहु /चंद्र/ मंगल की थी।राहु/ मंगल की दशा अभी सितंबर 2022 से शुरू होगी जो भयंकर स्वरूप को दिखा रही है। पड़ोसी राज्यों से युद्ध , तनाव, संकट को दिखा रही हैं।गलत निर्णयों से आंतरिक तनाव को भी इंगित करती है। इसके बाद सितंबर 2023 से बृहस्पति की दशा शुरू होगी ।रुस के बारे में हम पहले ब्लॉग में बता चुके हैं कि सप्तम भाव स्थित मंगल रुस को युद्ध में व्यस्त रखेगा ।परंतु यहां पर शनि का गोचर चंद्रमा से द्वितीय भाव पर तथा लग्न से छठे भाव पर है जो कहीं न कहीं मानसिक तनाव तथा दबाव से थोड़ी राहत तो दिखा रहा है परन्तु बृहस्पति - राहु की युति अष्टम भाव पर गोचर करेंगी जो कहीं न कहीं रशिया की छवि में गिरावट के साथ गलत नीतियों के साथ साज़िशो को , संक्रामक रोगों को भी इंगित कर रही है।

Uttam hai
ReplyDeleteBeautifully written!
ReplyDeleteThank you ❤️
DeletePichhali baar Rahu & not Rahul .Kindly write Russia & not Rusia . Distinct between "sh " & " s" . Regards.
ReplyDeleteOk Sharma ji
DeleteThank you
आदेश
ReplyDeleteExcellent as always
ReplyDeleteV well written 🙏
ReplyDeleteWell written kamla
ReplyDeleteBeautifully and meaningful article
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