शनि का राशि परिवर्तन
शनि का कुंभ में प्रवेश
शनि 17/1/2023 को कुंभ राशि में प्रवेश कर गए तथा 29/3/2025 तक कुंभ में रहेंगे।
18/6/2023 - 4/11/2023 तक शनि वक्री रहेंगे।
शनि 15 मार्च तक धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करेंगे।
आचार्य वराहमिहिर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धनिष्ठा नक्षत्र में शनि के गोचर के समय राष्ट्रों में फाइनेंशियल क्राईशेश की स्थिति निर्मित होंगी।
शनि का धनिष्ठा नक्षत्र पर गोचर 15/2/2022 से 15/3/2023 तक रहेगा।
जैसा कि हम पहले ब्लॉग में भी उल्लेख कर चुके है कि फाइनेंशियल क्राईशेश की स्थिति बनेगी। यूरोप, श्रीलंका, पाकिस्तान, अमेरिका के कुछ राज्यों में ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।
15 मार्च से शनि का गोचर शतभिषा नक्षत्र पर होगा, जिसमें डाक्टर, व्यापारी वर्ग के लिए कष्टकारी कहा है तथा देश के आयात -निर्यात पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा है ।
अब यदि हम भारत की स्थिति को देखे तो भारत की जुलाई 2023 तक चंद्रमा/ केतु की दशा रहेगी। चंद्रमा तृतीय भाव में तथा केतु सप्तम भाव में तथा नवांश में चंद्र ,केतु छठे भाव में स्थित है। शनि का गोचर लग्न से दशम भाव पर तथा चंद्रमा से अष्टम भाव पर रहेगा जो कहीं न कहीं विदेशी व्यापार में गिरावट तथा पड़ोसी राज्यों से संबंधों में गिरावट का संकेत है। साथ ही मानसिक असन्तोष को भी दिखाता है। चर दशा - कुंभ/ कर्क जुलाई 2023 तक तथा जुलाई से सिंह की दशा मिलेगी जो ज्यादा कष्टकारी हो सकती है।

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