सफल या असफल चंद्रयान -3
चंद्रयान -1 2008 में
चंद्रयान -2 6/9/2019 में
चंद्रयान -3 14/7/2023 को प्रक्षेपण किया गया।यह प्रक्षेपण लांच व्हीकल मार्क -3 के जरिए 14:35 पर किया गया। करीब 45-48 दिनों का सफर पूरा करने के बाद 23-24 अगस्त के बीच चंद्रयान -3 से लैंडर के जरिए रोवर को चांद पर उतारा जाएगा। इसके साथ ही चांद पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। पहले तीन देश अमेरिका,रूस और चीन है।
भारत का चंद्र अभियान कई मायने में महत्वपूर्ण है। चंद्रयान- 3 के जरिए रोवर को चांद पर ऐसे स्थान पर उतारा जा रहा है, जहां अब तक किसी भी देश का कोई अभियान नहीं पहुंचा है। भारतीय रोवर चंद्रमा के दक्षिणी धुव्र में उतरेगा। इस हिस्से को चंद्रमा का सबसे विचित्र और विषम भौगोलिक क्षेत्र माना जाता है। दरअसल, दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य की रोशनी सीधे पड़ती है। जिसके चलते यह सबसे गर्म हिस्सा माना जाता है तथा यहां तापमान 54 डिग्री तक होने की संभावना है। दूसरी अचरज की बात है कि इस हिस्से में ऊंचे पहाड़ और गहरे गड्ढे भी हैं, जिन पर पहाड़ों की छाया पहुंचने के कारण कभी सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती है। वहां तापमान माइनस 200 डिग्री तक होने की संभावना है।
चंद्रमा पर अब तक जितने भी अभियान गए हैं, चंद्रमा के मध्य एवं उत्तरी हिस्सों में गए हैं। दरअसल, चंद्रमा को दूरी के हिसाब से दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, एक नजदीकी हिस्सा जो धरती से दिखता है। दूसरा दूर का हिस्सा जो दिखने वाले हिस्से के पीछे है। अब तक के ज्यादातर अभियान नजदीक वाले हिस्से में पहुंचे हैं। सिर्फ चीन ने 2020 में चेंग-5 के जरिए चंद्रमा के पीछे के हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग की है।
चांद के दक्षिणी ध्रुव में पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा। इस क्षेत्र में अमेरिकी एजेंसी नासा की भी दिलचस्पी है। उसकी नजर चंद्रयान-3 पर टिकी है। चंद्रयान-3 मिशन अमेरिका के आर्टेमिस-3 के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा।
क्या यह सफल होगा?
आइए जानते हैं-
प्रक्षेपण के समय वृश्चिक लग्न उदित हो रहा है।
लग्नेश दिगबली होकर द्वादशेष तथा तृतीयेश से युत दृष्ट होकर प्रक्षेपण की सफलता को इंगित कर रहा है। चंद्रमा उच्च का होकर केंद्र में पाप प्रभाव रहित है।इस कुंडली में तृतीयेश स्वग्रही तथा बली लग्नेश तथा द्वादशेष से दृष्टि संबंध में है।नवमेश उच्च का है । जो यात्रा का योग निर्मित कर रहे हैं।चंद्रमा से भी दशमेश द्वादशेष का संबंध बन रहा है जो अंतरिक्ष में लांच की सफलता की कहानी बयां कर रहा है। चंद्रयान -3 अभियान सफल रहेगा। चंद्रमा से संबंधित जानकारी हासिल करने में सफलता प्राप्त करेगा।
बाकी प्रभु इच्छा सर्वोपरि 🙏🙏

Very nice 👍
ReplyDeletePrabhu Iccha Sarvopari . Regards .
ReplyDeleteBeautiful explanation 💐🌷
ReplyDeleteGood information 🙏
ReplyDeleteNice interpretation
ReplyDeleteGood Analysis. Regards.
ReplyDeleteसारगर्भित सुस्पष्ट आलेख और निष्कर्ष जो 23.8.2024 को सायं 06.04 बजे सच साबित हुआ – हार्दिक अभिनंदन और साधुवाद
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